Retirement age limit rules : हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन हो इसके लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यहां कदम न केवल शिक्षा क्षेत्र में मजबूती प्रदान करेगा साथी कर्मचारियों के लिए भी नौकरी के वर्षों में बढ़ोतरी देगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री द्वारा 15 अगस्त 2025 को औपचारिक घोषणा राज्य में कर दी गई है। यहां प्रावधान उन शिक्षकों के सेवानिवृत्ति के लिए लागू किया जाएगा जिसकी सूचना 27 अगस्त 2025 के बाद जारी की गई है।
शैक्षणिक सत्र की निरंतरता सुनिश्चितता
पहले ऐसा होता था कि, विद्यार्थियों के जारी शैक्षणिक क्षेत्र के दौरान वही मर्यादा के कारण शिक्षक बीच समय में ही रिटायर्ड हो जाता था। जिससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक कार्य में रुकावट उत्पन्न हो जाती थी। और नई भर्ती तक उसका पाठ्यक्रम अधूरा रह जाता। लेकिन सेवानिवृत्ति के नियम में आए इस बदलाव के कारण अब छात्रों को शिक्षण के बीच में ऐसी समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा। साथ ही शैक्षणिक सत्र पूर्ण रूप एक ही शिक्षक द्वारा पूरा हो पाएगा।
आर्थिक सुरक्षा और सुविधाएं
नौकरी का समय बढ़ाने के कारण कार्य करने वाले शिक्षकों को उनकी पेंशन और अंतिम वेतन के अनुसार उचित मासीक वेतन भी दिया जाएगा। साथी सभी सरकारी नियमों के अनुसार उसके वेतन के भते, सारी पेंशन संबंधित सुविधाएं,अवकाश नगदीकारण की सुविधाए भी दीजाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि, शिक्षकों पर किसी भी प्रकार का आर्थिक दबाव न बने और विद्यार्थियों को शैक्षणिक क्षेत्र के बीच में शिक्षा संबंधित कार्यों में कोई रुकावट ना आए।सरकार द्वारा शिक्षकों और छात्रों को, दोनों के हित को ध्यान में रखकर यह नियम बनाया गया है। ताकि शिक्षक क्षेत्र निरंतरता और गत्ती जारी रहे।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प
इस नियम में शिक्षकों के लिए एक विशेष प्रावधान यह भी है कि, अगर कोई शिक्षक अपने व्यक्तिगत कारण वश सेवानिवृत्ति के समय पूर्व निवृत्ति लेना चाहता है, तो 7 दिन की समय अवधि संबंधित विभाग में वह अपना सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर सकता है। यहां नियम शिक्षकों की व्यक्तिगत स्थिति का भी मन रखता है। केवल इच्छुक शिक्षक बढ़ाई गई नौकरी की समयावधि में सेवा कर सकता है। यानी की नौकरी के समय को लेकर सरकार द्वारा शिक्षकों के ऊपर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा। सेवानिवृत्ति का समय बढ़ाना या स्थगित करना यह शिक्षकों को यहां पर तय करना रहेगा।
विभिन्न संस्थानों के लिए अलग समय-सीमा
सरकार ने कैलेंडर के अनुसार, विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के लिए, अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की है। और यहां नियम स्कूल और चिकित्सा क्षेत्र के विभाग में 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रूप से लागू रहेगा। बात करें उच्च शिक्षा की तो यहां पर 31 में 2026 तक लागू होगा। तकनीकी संस्थानों में 30 जून 2026 तक लागू रहेगा। और औद्योगिक प्रशिक्षण केदो में यह नियम 31 जुलाई 2026 तक लागू रहेगा। जबकि आयुष शिक्षा विभाग ने इसकी समय सीमा 30 अप्रैल 2026 निर्धारित की है। इस तरह सभी क्षेत्र के लिए समयावधि अलग-अलग रखी गई है।
कारण को देख तो यह है कि, सभी शिक्षकों की नौकरी की तारीखों में सामान्य नहीं होती है इसलिए सेवा साहू निवृत्ति के समय में बदलाव देखने को मिलता है। इसीलिए विभिन्न संस्थाओं की समय सीमाओं में बदलाव देखने को मिलता है। सरकार की इस पहल से उन शिक्षा को भी को भी फायदा मिलेगा। जिसको आर्थिक जरूरत है लेकिन सेवानिवृत्ति के समय के कारण वह निवृत हो जाते हैं। समय अवधि बढ़ाने के कारण उसका वेतन शुरू रहेगा। और आर्थिक निरंतरता और सरलता बनी रहेगी।